नमस्कार दोस्तों। इस पोस्ट में हम विशेषण (Visheshan) के बारे में अध्ययन करेंगे: विशेषण किसे कहते हैं? और इसके प्रकार और कुछ उदाहरणों का अध्ययन किया जाएगा। पोस्ट को अंत तक पढ़ें ताकि आपको सारे कॉन्सेप्ट्स क्लियर हो जाएं।
Table of Contents
विशेषण किसे कहते हैं – Visheshan in Hindi
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण, संख्या, मात्रा या परिमाण आदि) बताते हैं विशेषण कहलाते हैं |
जैसे – बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, अच्छा, गन्दा, बुरा, एक, दो आदि।
उदाहरण –
वहां चार लड़के बैठे थे ।
अध्यापक के हाथ में लंबी छड़ी है
वह घर जा रहा था ।
गीता सुंदर लड़की है
विशेष्य किसे कहते हैं
जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताई जाए वे विशेष्य कहलाते हैं।
जैसे-
मोहन सुंदर लड़का है
प्रविशेषण किसे कहते हैं
विशेषण शब्द की भी विशेषता बतलाने वाले शब्द ‘प्रविशेषण’ कहलाते हैं।
जैसे-
राधा बहुत सुंदर लड़की है ।
इस वाक्य में सुंदर (विशेषण) की विशेषता बहुत शब्द के द्वारा बताई जा रही है। इसलिए बहुत प्रविशेषण शब्द है ।
Visheshan Ke Bhed – विशेषण के भेद :
- गुणवाचक
- परिमाणवाचक
- संख्यावाचक
- सार्वनामिक
1. गुणवाचक :-
जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के गुण या दोष का बोध हो, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। ये विशेषण भाव, रंग, दशा, आकार, समय, स्थान, काल आदि से सम्बन्धित होते है।
जैसे– अच्छा, बुरा, सफेद, काला, रोगी, मोटा, पतला, लम्बा, चौड़ा, नया, पुराना, ऊँचा, मीठा, चीनी, नीचा, प्रातःकालीन
आदि।
Important:
1. गुणवाचक विशेषणों में ‘सा’ सादृश्यवाचक पद जोड़कर गुणों को कम भी किया जाता है।जैसे: लाल-सा, बड़ा-सा, छोटी-सी, ऊँची-सी आदि।
2. कभी-कभी गुणवाचक विशेषणों के विशेष्य वाक्य लुप्त हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में संज्ञा का काम भी विशेषण ही करता है। जैसे:· बड़ों का आदर करना चाहिए।· दीनों पर दया करनी चाहिए।
3. गुणवाचक विशेषण में विशेष्य के साथ कैसा/कैसी लगाकर प्रश्न करने पर विशेषण पता किया जाता है।
2. परिमाणवाचक :–
जिन विशेषण शब्दों से किसी वस्तु के परिमाण, मात्रा, माप या तोल का बोध हो वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है |
इसके दो भेद हैं।
i. निश्चित परिमाणवाचक :– दस क्विटल, तीन किलो, डेढ़ मीटर।
ii. अनिश्चित परिमाणवाचक :– थोड़ा, इतना, कुछ, ज्यादा, बहुत, अधिक, कम, तनिक, थोड़ा, इतना, जितना, ढेर
सारा।
3. संख्यावाचक :-
जिस विशेषण द्वारा किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे: बीस दिन, दस किताब, सात भैंस आदि। यहाँ पर बीस, दस तथा सात- संख्यावाचक विशेषण हैं।
इसके दो भेद हैं –
i) निश्चित संख्यावाचक :– दो, तीन, ढाई, पहला, दूसरा, इकहरा, दुहरा, तीनो, चारों, दर्जन, जोड़ा, प्रत्येक।
ii) अनिश्चित संख्यावाचक :– कई, कुछ, काफी, बहुत।
4. सार्वनामिक :-
पुरुषवाचक और निजवाचक सर्वनाम (मैं, तू, वह) के अतिरिक्त अन्य सर्वनाम जब किसी संज्ञा के पहले आते हैं, तब वे संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। जैसे: यह घोड़ा अच्छा है।, वह नौकर नहीं आया।
इसे भी पढ़ें- महादेवी वर्मा का जीवन परिचय
यहाँ घोड़ा और नौकर संज्ञाओं के पहले विशेषण के रूप में ‘यह’ और ‘वह’ सर्वनाम आये हैं। अतः ये सार्वनामिक विशेषण हैं।
जैसे: यह विद्यालय, वह बालक, वह खिलाड़ी आदि ।
सार्वनामिक विशेषण के भेद:
व्युत्पत्ति के अनुसार सार्वनामिक विशेषण के भी दो भेद है-
I. मौलिक सार्वनामिक विशेषण
II. यौगिक सार्वनामिक विशेषण
I.मौलिक सार्वनामिक विशेषण
जो सर्वनाम बिना रूपान्तर के संज्ञा के पहले आता हैं उसे मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे- वह लड़का, यह कार, कोई नौकर, कुछ काम इत्यादि।
II. यौगिक सार्वनामिक विशेषण
जो मूल सर्वनामों में प्रत्यय लगाने से बनते हैं। जैसे- कैसा घर, उतना काम, ऐसा आदमी, जैसा देश इत्यादि।
विशेष्य और विशेषण में संबंध
ऊपर आपने विशेषण और विशेष्य के बारे में पढ़ा, अब इन दोनों के संबंधों पर बात करेंगे।
“वाक्य में विशेषण का प्रयोग दो प्रकार से होता है- कभी विशेषण विशेष्य के पहले आता है और कभी विशेष्य के बाद।” इस प्रकार प्रयोग की दृष्टि से विशेषण के दो भेद हैं-
1. विशेष्य-विशेषण 2. विधेय-विशेषण
1. विशेष्य विशेषण
जो विशेषण विशेष्य के पहले आये, वह विशेष्य-विशेष होता हैं। जैसे- मुकेश चंचल बालक है।, संगीता सुंदर लड़की है।इन वाक्यों में चंचल और सुंदर क्रमशः बालक और लड़की के विशेषण हैं, जो संज्ञाओं (विशेष्य) के पहले आये हैं।
2. विधेय विशेषण
जो विशेषण विशेष्य और क्रिया के बीच आये, वहाँ विधेय-विशेषण होता हैं। जैसे- मेरा कुत्ता लाल हैं।, मेरा लड़का आलसी है।
इन वाक्यों में लाल और आलसी ऐसे विशेषण हैं, जो क्रमशः कुत्ता (संज्ञा) और है (क्रिया) तथा लड़का (संज्ञा) और है (क्रिया) के बीच आये हैं।
Important:
- विशेषण के लिंग, वचन आदि विशेष्य के लिंग, वचन आदि के अनुसार होते हैं। जैसे- अच्छे लड़के पढ़ते हैं।, नताशा भली लड़की है।, रामू गंदा लड़का है। आदि
- यदि एक ही विशेषण के अनेक विशेष्य हों तो विशेषण के लिंग और वचन समीप वाले विशेष्य के लिंग, वचन के अनुसार होंगे, जैसे- नये पुरुष और नारियाँ, नयी धोती और कुरता। आदि
इसे भी पढ़ें- अलंकार की परिभाषा, प्रकार, उदाहरण
मुझे आशा है कि आप सभी विशेषण और इसके प्रकारों के बारे में समझने में सक्षम होंगे और उदाहरणों ने आपको इसे आसान बनाने में मदद की होगी। अगर इन सबके बावजूद आपका कोई सवाल है, तो आप कमेंट में पूछ सकते हैं हमारे विशेषज्ञ आपकी शंका का समाधान करेंगे और जल्द ही देंगे।