नमस्कार दोस्तों। इस पोस्ट में हम सर्वनाम (Sarvanam) का अध्ययन करेंगे। सर्वनाम किसे कहते हैं सर्वनाम के प्रकार और कुछ उदाहरण भी हैं। जो आपको इसे और स्पष्ट रूप से समझने में मदद करेगा। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें ताकि सर्वनाम के बारे में कोई संदेह न रहे।
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सर्वनाम किसे कहते हैं – Sarvanam In Hindi :
‘सर्वनाम’ का शाब्दिक अर्थ है- सबका नाम। ये शब्द किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयुक्त न होकर सबके द्वारा प्रयुक्त होते है तथा किसी एक का नाम न होकर सबका नाम होते हैं। ‘मैं’ का प्रयोग सभी व्यक्ति अपने लिए करते हैं, अतः ‘मैं’ किसी एक का नाम न होकर सबका नाम अर्थात सर्वनाम है।
सर्वनाम की परिभाषा:
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले विकारी शब्दों को सर्वनाम कहते हैं|
जैसे- यह, वह, उसके आदि।
सर्वनाम के भेद- Sarvanam ke Bhed:
- पुरूषवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- सम्बन्धवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
1. पुरूषवाचक सर्वनाम :–
“पुरुषवाचक सर्वनाम पुरुषों (स्त्री या पुरुष) के नाम के बदले आते हैं।”[2] जो सर्वनाम बोलनेवाले, सुननेवाले और किसी दूसरे व्यक्ति या पदार्थ का बोध कराते हैं, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे- मैं, तू और वह पढ़ेंगे।
इसके तीन भेद हैं :
i. अन्य पुरूषवाचक सर्वनाम :- वह, यह, उसका, कोई आदि ।
ii. मध्यम पुरूषवाचक सर्वनाम :- तुम, आप, तुम्हें आदि।
iii. उत्तम पुरूषवाचक सर्वनाम :- मै, हम, हमारा आदि ।
i. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
बोलनेवाले या लिखनेवाले के नाम के बदले जिन सर्वनामों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, हम, मुझको, मैंने, मुझे आदि। यद्यपि ‘हम’ शब्द बहुवचन है लेकिन इसका प्रयोग एकवचन के रूप में भी किया जाता है।
उदाहरण–
(क) मैं घर जाऊँगा।
(ख) हम भगवान को नहीं देख सकते।
(ग) यह निबंध मैंने लिखा है।
(घ) मुझे सिनेमा देखना नहीं पसंद।
ii. मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
बात सुननेवाले (श्रोता) के नाम के बदले जिन सर्वनामों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- तू, तुम, तुम्हें, आप, तुम्हारा, तेरा आदि।
उदाहरण-
(क) तू कुछ भी बोल देता है।
(ख) तुम अब बोल सकती हो।
(ग) तुम्हें कुछ कहना बेकार है।
(घ) आप मेरे गुरु हैं।
(ड़) तुम्हारा घर बहुत दूर है।
(च) तेरा बैग बहुत भारी है।
Important Points:
(i) प्रायः बातचीत में मध्यम पुरुषवाचक सर्वनामों का बहुवचन में ही प्रयोग किया जाता है। जैसे- तुम यहाँ अकेले मत ठहरो।
(ii) ‘तू’ शब्द का एक वचन में प्रयोग या तो अपने से बहुत छोटों के लिए किया जाता है या किसी का निरादर करने के लिए। जैसे-
(क) मैं तुझे अभी बाहर का रास्ता दिखाता हूँ।
(ख) बेटा! तू यहीं रुक। मैं तेरे लिए बिस्किट लेते आऊंगा।
(iii) ‘तू’ शब्द का प्रयोग बहुत अधिक घनिष्ठता, अपनापन या श्रद्धा जताने के लिए भी किया जाता है। जैसे-
(क) तू तो मेरे भाई जैसा है, तब तू इतना क्यों लजा रहा।
(ख) हे भगवान्! तू ही हमारा रक्षक है।
(iv) ‘आप’ शब्द का प्रयोग किसी को आदर या सम्मान देने के लिए किया जाता है। जैसे-
(क) आप हमारे लिए भगवान हैं।
(ख) आप हमारे पूज्य हैं।
iii. अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। अर्थात उत्तम पुरुष और मध्यम पुरुष को छोड़कर अन्य सब संज्ञाओं के बदले जो सर्वनाम प्रयुक्त होते हैं, उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे- यह, वह, वे, ये, इनका, इन्हें, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे आदि।
उदाहरण-
(क) वह कल खेलने नहीं आया था।
इसे भी पढ़ें- संज्ञा किसे कहते हैं, लिंग, वचन, कारक
(ख) वे नहीं आयेंगे।
(ग) उन्होंने वादा किया है।
(घ) उसे कल बुला लेना।
(ड़) उन्हें जाने दो।
(च) इनसे कहिए कि मुझे परेशान न किया करें।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम :–
जिस सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु व्यक्ति की ओर संकेत किया जात है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं|
उदाहरण-
(क) यह कोई नया काम नहीं है।
(ख) रोटी मत खाओ, क्योंकि वह जली है।
निश्चयवाचक सर्वनाम के भेद–
निश्चयवाचक सर्वनाम दो प्रकार का होता है- दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम और निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम।
i. दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
जो शब्द दूर वाली वस्तुओं की ओर निश्चित रूप से संकेत करते हैं उन्हें दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। ‘वह’ दूर के पदार्थ की ओर संकेत करता है, इसलिए इसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे- वह मेरी पैन है। वे किताब हैं।
इसमें वह और वे दूर वाली वस्तुओं का बोध करा रहे हैं।
ii. निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
जो शब्द निकट या पास वाली वस्तुओं का निश्चित रूप से बोध कराये उन्हें निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। ‘यह’ निकट के पदार्थ की ओर संकेत करता है, इसलिए इसे निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे- यह मेरी पैन है। ये मुझे बहुत पसंद है।
इसमें यह और ये निकट वाली वस्तु का बोध करा रही है।
Important Points:-
(a) दो संज्ञाओं में से पहली के लिए ‘यह’ और दूसरी के लिए ‘वह’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे- कोयल और कौए में यही भेद है कि यह मधुर बोलता है और वह कुवचन।
(b) ‘यह’ शब्द कभी-कभी वाक्य या वाक्यांश की ओर भी संकेत करता है। जैसे- जन-मन-गन—यह हमारा राष्ट्रीय गीत है।
(c) ‘वह’ का पुराना रूप ‘सो’ है, इसका प्रयोग आज भी कभी-कभी होता है।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम :–
जिस सर्वनाम से किसी वस्तु या व्यक्ति का निश्चित बोध न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं |
जैसे: कोई, कुछ।
a) कोई गा रहा है।
b) कमरे में कुछ पड़ा है।
4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम :–
जिन सर्वनामों द्वारा वाक्यों में आपसी सम्बन्ध प्रकट होता है वे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहलाते हैं |
जैसे –
a) जो करेगा से भरेगा।
b) जिसकी लाठी उसकी भैंस ।
इन वाक्यों में जो, सो, जिसकी, उसकी आदि सम्बन्ध को प्रकट करने वाले हैं अतः ये सभी सम्बन्धवाचक सर्वनाम है।
कभी-कभी संबंधवाचक सर्वनाम की कल्पना करनी पड़ती है, उसका प्रयोग हुआ दिखाई नहीं देता। जैसे-
(क) गया सो गया।
(ख) हुआ सो हुआ।
उपरोक्त वाक्यों में ‘जो’ शब्द का प्रयोग हुआ नहीं है, उसकी कल्पना करनी पड़ती है।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम :-
जिन सर्वनाम शब्दों में कोई प्रश्न किया जाए वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
जैसे –
विद्यालय में कौन जा रहा है ?
यह कलम किसकी है ?
इन वाक्यों में ‘कौन’ तथा ‘किसकी’ कहकर ‘व्यक्ति’ तथा ‘कलम’ के बारे में प्रश्न किए गए हैं अतः ये प्रश्नावाचक
सर्वनाम हैं |
6. निजवाचक सर्वनाम :–
जिस सर्वनाम का प्रयोग वाक्य के कर्ता के लिए किया जाता है, वह निजवाचक सर्वनाम कहलाता है
जैसे –
a) वह अपना काम अपने आप करती है।
b) अपने – 2 प्रश्न हल करो।
c) यह अपना ही घर है।
यहां अपना, अपने आप, अपने – अपने आदि शब्द स्वयं कर्ता के लिए प्रयुक्त हुए हैं अतः इन्हे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।
उदाहरण-
(क) हम आप कर लेंगे।
(ख) तुम आप देख लोगे।
(ग) मैं आप ही चलता हूँ कि सबसे अलग रहूँ।
(घ) यह आप ही आप बकता जा रहा है, इसे किस ने बुलाया।
उपरोक्त वाक्यों में पहले आई हुई संज्ञा या सर्वनाम की चर्चा करने के लिए उसी वाक्य में ‘आप’ सर्वनाम आया है। पुरुषवाचक के अन्य पुरुषवाचक वाले ‘आप’ से इसका प्रयोग भिन्न है। यह कर्ता का बोधक है, पर स्वयं कर्ता का काम नहीं करता। वहीं पुरुषवाचक ‘आप’ बहुवचन में आदर के लिए प्रयुक्त होता है|
सर्वनाम की कारक-रचना (रूप-रचना)
संज्ञा शब्दों की तरह सर्वनाम शब्दों की भी रूप-रचना होती। सर्वनाम शब्दों के प्रयोग के समय जब इनमें कारक चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, तो इनके रूप में परिवर्तन आ जाता है।
मैं (उत्तमपुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | मैं, मैंने | हम, हमने |
कर्म | मुझे, मुझको | हमें, हमको |
करण | मुझसे | हमसे |
संप्रदान | मुझे, मेरे लिए | हमें, हमारे लिए |
अपादान | मुझसे | हमसे |
संबंध | मेरा, मेरे, मेरी | हमारा, हमारे, हमारी |
अधिकरण | मुझमें, मुझपर | हममें, हमपर |
तू (मध्यमपुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | तू, तूने | तुम, तुमने, तुमलोगों ने |
कर्म | तुझको, तुझे | तुम्हें, तुमलोगों को |
करण | तुझसे, तेरे द्वारा | तुमसे, तुम्हारे से, तुमलोगों से |
संप्रदान | तुझको, तेरे लिए, तुझे | तुम्हें, तुम्हारे लिए, तुमलोगों के लिए |
अपादान | तुझसे | तुमसे, तुमलोगों से |
संबंध | तेरा, तेरी, तेरे | तुम्हारा-री, तुमलोगों का-की |
अधिकरण | तुझमें, तुझपर | तुममें, तुमलोगों में-पर |
वह (अन्यपुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | वह, उसने | वे, उन्होंने |
कर्म | उसे, उसको | उन्हें, उनको |
करण | उससे, उसके द्वारा | उनसे, उनके द्वारा |
संप्रदान | उसको, उसे, उसके लिए | उनको, उन्हें, उनके लिए |
अपादान | उससे | उनसे |
संबंध | उसका, उसकी, उसके | उनका, उनकी, उनके |
अधिकरण | उसमें, उसपर | उनमें, उनपर |
यह (निकटवर्ती)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | यह, इसने | ये, इन्होंने |
कर्म | इसको, इसे | ये, इनको, इन्हें |
करण | इससे | इनसे |
संप्रदान | इसे, इसको | इन्हें, इनको |
अपादान | इससे | इनसे |
संबंध | इसका, की, के | इनका, की, के |
अधिकरण | इसमें, इसपर | इनमें, इनपर |
आप (आदरसूचक)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | आपने | आपलोगों ने |
कर्म | आपको | आपलोगों को |
करण | आपसे | आपलोगों से |
संप्रदान | आपको, के लिए | आपलोगों को, के लिए |
अपादान | आपसे | आपलोगों से |
संबंध | आपका, की, के | आपलोगों का, की, के |
अधिकरण | आप में, पर | आपलोगों में, पर |
कोई (अनिश्चयवाचक)
इसे भी पढ़ें- शब्द किसे कहते हैं, प्रकार, उदहारण
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | कोई, किसने | किन्हीं ने |
कर्म | किसी को | किन्हीं को |
करण | किसी से | किन्हीं से |
संप्रदान | किसी को, किसी के लिए | किन्हीं को, किन्हीं के लिए |
अपादान | किसी से | किन्हीं से |
संबंध | किसी का, किसी की, किसी के | किन्हीं का, किन्हीं की, किन्हीं के |
अधिकरण | किसी में, किसी पर | किन्हीं में, किन्हीं पर |
जो (संबंधवाचक)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | जो, जिसने | जो, जिन्होंने |
कर्म | जिसे, जिसको | जिन्हें, जिनको |
करण | जिससे, जिसके द्वारा | जिनसे, जिनके द्वारा |
संप्रदान | जिसको, जिसके लिए | जिनको, जिनके लिए |
अपादान | जिससे (अलग होने) | जिनसे (अलग होने) |
संबंध | जिसका, जिसकी, जिसके | जिनका, जिनकी, जिनके |
अधिकरण | जिसपर, जिसमें | जिनपर, जिनमें |
कौन (प्रश्नवाचक)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | कौन, किसने | कौन, किन्होंने |
कर्म | किसे, किसको, किसके | किन्हें, किनको, किनके |
करण | किससे, किसके द्वारा | किनसे, किनके द्वारा |
संप्रदान | किसके लिए, किसको | किनके लिए, किनको |
अपादान | किससे (अलग होने) | किनसे (अलग होने) |
संबंध | किसका, किसकी, किसके | किनका, किनकी |
मुझे आशा है कि आप सभी सर्वनामों (Sarvanam) को स्पष्ट रूप से समझ गए होंगे और इसके प्रकार भी स्पष्ट हो गए होंगे। इन सबके बावजूद, यदि आपको संदेह और प्रश्न हैं। बेझिझक टिप्पणी में पूछें। हमारे विशेषज्ञ जल्द से जल्द आपका जवाब देंगे।